उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना 2020। उत्तर प्रदेश एक जिला एक उत्पाद योजना। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना 2020।
उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना 2020
मंगलवार को ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग संयोजन योजना (प्रधानमंत्री-एफएमई योजना) के अनुकूल निर्माण घटक के लिए एक नया कार्यक्रम मास्टर्स ट्रेनर्स प्रशिक्षण शुरू किया।इसके साथ ही पंचएक जिला-एक उत्पाद योजना ‘ आई डिजीटल मैप जीआईएस भी शुरू किया गया है।
इस मौके पर नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि छोटे खाद्य पदार्थों में प्रशिक्षण और सहयोग प्रदान किया जाएगा और इसके साथ ही भारत को आत्मनिर्भर बनाए की दिशा में सशक्त कदम उठाना होगा। इस योजना के जरिये सरकार का उद्देश्य करीब 8 लाख लोगों को लाभान्वित कर रहा है। इसमें किसान के उत्पादक संगठन के विभक्त सदस्यों के साथ ही सहकारिता, स्व-सहायता समूह, अनुसूचित जनजाति समुदाय इत्यादि के हितग्राही सम्मिलित करना हैं।
सभी उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना 2020 के बारे में
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योगीकरणन योजना के विश्वास निर्माण घटक के तहत ऑफ़लाइन मोड से मास्टर ट्रेनर्स, प्रदर्शन, क्लासरूम लेक्चर, और ऑफलाइन पाठ्यक्रम के द्वारा शिक्षा प्रदान की जाएगी। चुने गए सभी समूहों को डब्ल्यूडब्ल्यू को प्रशिक्षण के साथ ही शोधकार्य में मदद करने के लिए भारतीय खाद्य उद्योग प्रोद्योगिकी संस्थान (IIFPT) और राष्ट्रीय खाद्य प्रोद्योगिकी उद्यमशीलता और प्रबंधन संस्थान (NIFTEM) राज्य के प्राथमिक संस्थान के साथ से आवशेक प्लेएंगे।
जिला स्तरीय प्रशिक्षणकर्ताओं डब्ल्यू मास्टर ट्रेनर्स के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका पश्चाताप केवल जिला स्तर के प्रशिक्षक हितग्राहियों को कौशल प्रमाणन दिए जाने वाले प्रशिक्षण का प्रमाणन और मूल्यांकन एफआईसीएसआई द्वारा किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना 2020 क्या है?
केंद्र सरकार द्वारा प्रवर्तित योजना प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग संपर्क योजना है। ये योजा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गयी है। इस क्षेत्र से संबंधित स्व सहायता समूह सहकारी उत्पादकों, किसान उत्पादक संगठनों को मदद दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत २०२०-२१ से २०२४-२५ के बीच २ लाख लघु खाद्य पदार्थ इकाइयों को आर्थिक, विपणन सहयोग और तकनीकी सहायता देने के लिए १० हजार करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। बनाया है।
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उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना 2020 के लाभ
इस योजना के माध्यम से सरकार ने कहा लगभग 20 खरब रुपये के मैन्युफैक्ट्रक्चरिंग आइटम (विनिर्माण उत्पादन) से आने वाले पांच साल से जोड़े का आश्वासन दिया गया है। उन्हें इस बात की पुष्टि है कि की इस योजना के द्वारा नई रोजगार के अवसर उत्पन्न होए के साथ ही वित्तीय क्रियाविधीय में वृद्धि होगी।जिसकी सहायता से भारत की अर्थवचन संस्थाओको मदद मिलेगी और देश के विकास में काफी मदद मिलेगी।
आप सभी इस बात से भलीभांति अवगत है कि उत्तर प्रदेश देश का जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा और क्षेत्र में दूसरा राज्य राज्य है। तो ऐसे में उत्तर प्रदेश राज्य के हर जिले में कुछ प्राचीन उद्योग हैं।इन कब्जों में वृद्धि के लिए प्रदेश सरकार ने में वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट ‘ योजना को लागु किया गया है।
उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना 2020 की विशेषताएं
उत्तर प्रदेश के विभेदक जिलों में लखनवी लेखन, कांच के सामान, इत्र, बांस, चरक के काम, लकड़ी और चमड़े के विभिन्न उत्पाद बनाने के लिए जाने जाते हैं। इन सेवाओं से संबंधितित मजदूरों की ग़ुम आइडेंटिटी दुबारा दिलाने के लिए एमएसएमई सेक्टर द्वारा ओडीओपी योजना बनाई गईAN जोड़ा गया था। इस योजना के शुरुआत के कुछ समय पश्चात प्रदेश के कई उत्पाद देश-प्रदेश के साथ ही विदेश में भी निर्यात हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश की इस योजना के माध्यम से सभी जिले उस एक सामग्री होगी, जो उस जिले की पहचान बनेगा। क्षेत्रीय कला में वृद्धि और प्रोडक्ट सामग्री को पहचान दिलाने के लिए कलाकारों को फ़ायदा दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना 2020 का अवलोकन
▶ ऐसा बताया गया है। की प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गयी योजना डि वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट योजना के कारण सभी छोटे-छोटे कामगारों को क्षेत्रीय स्तर फायदा अच्छा फायदा मिला है। जिनकी वजह से उन्हें रोजगार हेतु भटकना नहीं पड़ेगा। जनवरी 2020 के एक कार्यक्रम के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बताया। उस प्रदेश में अपने प्राचीन व्यवसाय से एक वर्ष के भीतर ही सम्पूर्ण भारत में निर्यात लगभग आसानी से 28 प्रति है हुआ है। प्रदेश में सरकार के निवेश का वातावरण बनाने के लिए सम्पूर्ण प्रयास कर रही है।
इसी समय सभी अल्पसंख्यक मुदौ पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बीस नकवी ने बताया कि देश में लोगो को रोजगार देने के साथ स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर भी दिया पर जोर दिया। इससे देश आत्मनिर्भर बन गया है, कौशल प्रदान करेगा।
▶ इस योजना के माधयम से कामगारों को नई तकनिकी का उपयोग के साथ ही उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। अंजज के अनुसार अनुमान लगाया गया है की वर्ष 2023 तक उतर प्रदेश में कम से कम 25 लाख युवाओ को नौकरिया प्रदान करना।
इसके कामगारों को वित्तीय सहायता देने के लिए एमएसएमई के द्वारा बहुत कम ब्याज की रेट्रोन्स पर व्यावसायिक ऋण दिया जाएगा। प्रोडक्ट को ब्रांड बनाने में प्रोडक्ट की ब्राडिंगके साथ सरकार उनकी फ़ॉन्ट पर भी काम किया जाएगा। नकवी ने इस बात की पुष्टि की है कि कर्नाटक से चंदन, असम से बांस, तमिलनाडु से केरल व् बंगाल सहित देश के बहुत से क्षेत्रों में हुनर की एक अलग ही पहचान देखने को मिलती है। राज्य सरकार इसे सही ढंग से सहजने के लिए कार्यरत है।
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